July 2022

ram-chalisa
Stuti

shri ram stuti with meaning- राम स्तुति अर्थ सहित 

Shri Ram stuti – श्री राम स्तुति आज हम लोग भगवान् श्री राम को याद करना होता है तो कैसे करते हैं – जय श्री राम, हे राम, रामचंद्र जी की जय. क्या आपको पता है की पुरातन काल में जब श्रीश्री और महर्षि भगवान् राम को कैसे याद करते थे। वो भगवान् राम की स्तुति […]

Shiv stuti
Stuti

Shiv Stuti with Meaning – शिव स्तुति 

Shiv Stuti – शिव स्तुति दोहा श्री गिरिजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरनाय । कहत अयोध्यादास तुम, मोपर होहु सहाय ।। कविता  नन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी नित, संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं । गले मुण्डमाला धारी, सिर सोहे जटाधारी वाम अंग में बिहारी, गिरिजा सुतवारी हैं ।। दानी देख भारी, शेष शारदा पुकारी ।

ambe tu hai jagdambe kali
Aarti

Ambe tu hai jagdambe kali aarti – अम्बे तू है जगदम्बे काली- – (Maa durga ma kali aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती हिंदी में – Ambe tu hai jagdambe kali aarti अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती  तेरे भक्त जनो पर, भीर पडी है भारी माँ । दानव दल पर टूट पडो, माँ करके सिंह सवारी

Shani Chalisa
Chalisa

Shani Chalisa in Hindi with meaning – शनि चालीसा हिंदी में अर्थ सहित 

Shani Chalisa in Hindi – शनि चालीसा हिंदी में ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥  जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥  ॥चौपाई॥ जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा,

Surya Chalisa
Chalisa

Surya Chalisa in Hindi –  सूर्य चालीसा अर्थ सहित 

Surya Chalisa in Hindi – सूर्य चालीसा हिंदी में दोहा  – कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ जय सविता जय जयति दिवाकर। सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥  भानु पतंग मरीची भास्कर। सविता हंस सुनूर विभाकर॥ 1 विवस्वान आदित्य विकर्तन। मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥  अम्बरमणि खग रवि कहलाते। वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥

Rudrashtakam
Mantra

Shiv Rudrashtakam in Hindi and English – शिव रुद्राष्टकम हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ सहित

Shiv Rudrashtakam – शिव रुद्राष्टकम Shiv Rudrashtakama in Hindi with Meaning – शिव रुद्राष्टकम हिंदी में अर्थ सहित नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ अर्थ – हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और सबके स्वामी भोलेनाथ, मैं आपको नमस्कार करता हूं।

Santoshi mata vrat katha
Vrat

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा- Friday Santoshi mata vrat katha

Santoshi Mata Vrat katha – शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा आज हम बात करेंगे संतोषी माता की व्रत कथा के बारे में कितने शुक्रवार व्रत करने चाहिए  कौन से शुक्रवार से व्रत कथा की शुरुवात करनी चाहिए  पूजन विधि  व्रत कथा  धार्मिक मान्यताओ के अनुसार संतोषी माता गणेश भगवान् की पुत्री है. संतोषी माता संतोष

om jai jagdish hare
Aarti

Om Jai jagdish hare Aarti – ॐ जय जगदीश हरे आरती

Om Jai Jagdish Hare Aarti – ॐ जय जगदीश हरे आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ हे जगदीश हे पालनकर्ता हमारे स्वामी , आप सभी भक्तजनों का संकट दूर करें।  जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥

shri Ganesh chalisa
Chalisa

Shri Ganesh Chalisa – श्री गणेश चालीसा 

Shri Ganesh Chalisa – श्री गणेश चालीसा ॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल ॥  ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ॥  जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड

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