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Holashtak 2022: हिंदू धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व है. साल की शुरुआत होते ही पहला बड़ा त्योहार होली ही पड़ती है. होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Falgun Month Purnima) को मनाई जाती है. लेकिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से ही होलीष्टक लग जाता है. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के दौरान मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इस आठ दिन भले ही शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन देवी-देवता की अराधना के लिए ये दिन बहुत ही श्रेष्ठ माने जाते हैं. आइए जानते हैं कब से लग रहा होलाष्टक और इसका धार्मिक महत्व.
होलाष्टक कब से लगेगा 2022 (When Holashtak 2022 Starting)
17 फरवरी से फाल्गुन मास की शुरुआत हो रही है. फाल्गुन मास लगते ही लोगों को होली का इंतजार शुरू हो जाता है. होलाष्टक होलिका दहन से आठ दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 10 मार्च 2022 से 18 फरवरी 2022 तक लगेगा. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. होलाष्टक के दिन से होली की तैयारी शुरू हो जाती है.
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होलाष्टक में नहीं होते शुभ कार्य (Do Not Do Auspicious Things During Holashtak 2022)
पौराणिक कथा के अनुसार फाल्गुन मास (Falgun Month) की अष्टमी तिथि को भगवान शिव ने कामदेव को तपस्या भंग करने के दोष के कारण भस्म कर दिया था. इससे लोगों में शोक की लहर फैल गई. लेकिन कामदेव (Kaamdev) की पत्नी रति के भगवान शिव (Lord Shiva) से कामदेव को जीवित करने की प्रार्थना की. भगवान शिव ने उन्हें पुनर्जीवित करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद लोग फिर से खुश हो गए.
होलाष्टक (Holashtak 2022) को लेकर एक कथा प्रचलित है कि राजा हिरण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की भक्ति से दूर करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने ये इन आठ दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दीं. इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका (जिसे आग में न जलने का वरदान था) के गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया. लेकिन फिर भी प्रहलाद बच गए. अतः ऐसे में इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता.
होलाष्टक के दौरान नहीं करें ये चीजें (Do Not Do These Things In Holashtak 2022)
होलाष्टक के दौरान सोलह संस्कार सहित सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है. इस दिनों किसी गृह प्रवेश या किसी अन्य भवन में प्रवेश करने की भी मनाही होती है. इतना ही नहीं, नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की भी मनाही होती है.
होलाष्टक के दिनों में करें ये काम (Do These Things In Hoalshtak 2022)
होलाष्टक का समय आराध्य देवी-देवता की पूजा-उपासना के लिए बेहद उत्तम माना गया है. मान्यता है कि इस दौरान ईश्वर की भक्ति के दौरान ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें. वहीं, तीर्थ स्थान पर स्नान और दान का भी विशेष महत्व बताया गया है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि GYANSANATAN.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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Source- ABPLIVE.com
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