Stuti

Shiv Stuti with Meaning – शिव स्तुति 

Shiv Stuti – शिव स्तुति दोहा श्री गिरिजापति वंदिकर, चरण मध्य शिरनाय । कहत अयोध्यादास तुम, मोपर होहु सहाय ।। कविता  नन्दी की सवारी नाग अंगीकार धारी नित, संत सुखकारी नीलकंठ त्रिपुरारी हैं । गले मुण्डमाला धारी, सिर सोहे जटाधारी वाम अंग में बिहारी, गिरिजा सुतवारी हैं ।। दानी देख भारी, शेष शारदा पुकारी । […]